Raghu
Tuesday, December 2, 2014
मंदिर में फूल चढ़ाने गये तो ये एहसास हुआ की
पत्थरोंको कुश कराने के लिए फूलों को कथिल कराया हम
मिठाने गया थे पाप अपने जहां एक और पाप कराया हम II
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